۱ آذر ۱۴۰۳ |۱۹ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 21, 2024
शरई अहकाम

हौज़ा/निकाह पढ़ाने की मज़दूरी लेने में कोई हर्ज नहीं है और नमाज़े मय्यत कि उजरत लेना एहतियाते वाजिब की बिना पर जायज़ नहीं हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हौज़ा ए इल्मिया नजफ अशरफ के प्रसिद्द शिया आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली हुसैनी से पूछे गए सवाल का जवाब दिया हैं जो लोग शरई अहकाम मे दिल चस्पी रखते है हम उनके लिए पुछे गए सवाल और उसके जवाब का पाठ बयान कर रहे हैं।


सवाल: क्या जनाज़े मय्यत और निकाह पढ़ाने के लिए  उजरत लेना जायज़ है?


जवाब: निकाह पढ़ाने की मज़दूरी लेने में कोई हर्ज नहीं है और नमाज़े मय्यत कि उजरत लेना एहतियाते वाजिब की बिना पर जायज़ नहीं हैं।

टैग्स

कमेंट

You are replying to: .